हिन्दू राष्ट्र

अफवाह नहीं हकीकत

अयोध्या को लेकर अक्षय का खास प्लान, बनेगा रामसेतु

न्यूज डेस्क: बॉलीवुड के स्टार अक्षय कुमार ने फिल्म सिटी के सिलसिले में यूपी सीएम से मुलाकात तो की ही थी. अब पता चला है कि अक्षय कुमार ने यूपी के लिए कुछ खास प्लान कर रखा है. वह अपनी अपकमिंग फिल्म राम सेतु की शूटिंग देश के सबसे बड़े राज्य में करना चाहते हैं. इस सिलसिले में उन्होंने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से बातचती भी की है. मुख्यमंत्री ऑफिस की तरफ से जारी बयान में बताया गया है- एक्टर अक्षय कुमार ने सीएम योगी आदित्यनाथ से अयोध्या में फिल्म राम सेतु की शूटिंग की इजाजत मांगी है.

उत्तर प्रदेश में बनने जा रही भव्य फिल्म सिटी को लेकर काफी उत्सुकता देखने को मिल रही है. विश्वस्तरीय फिल्म सिटी बनाने का ऐलान कर चुके सीएम योगी आदित्यनाथ अपने इस मिशन पर तेजी से जुट गए हैं. हाल ही में उन्होंने अपने मुंबई दौरे पर कई सेलेब्स से मुलाकात भी की थी. इसी कड़ी में उनकी मुलाकात बॉलीवुड के खिलाड़ी अक्षय कुमार से भी हुई थी.

यूपी फिल्म सिटी पर जोरदार चर्चा

अब इस मुद्दे पर जैसा सीएम योगी रवैया रहा है , उसे देखते हुए कहा जा रहा है कि अक्षय कुमार को इजाजत मिलने में ज्यादा देर नहीं लगेगी. वहीं और भी कई फिल्मों की शूटिंग यहां पर होती दिख जाएंगी. जब से यूपी में फिल्म सिटी बनाने का ऐलान किया गया है, रवि किशन से लेकर मनोज तिवारी तक, सभी ने कई बड़े सपने दिखा दिए हैं. कोई वहां पर भोजपुरी सिनेमा का विस्तार करना चाहता है, तो कोई विश्वस्तरीय टेक्नोलॉजी उपलब्ध करवाना चाहता है. वैसे हाल ही में मिली जानकारी के मुताबिक फिल्म सिटी के सिलसिले में सीएम योगी की अजय देवगन और गोविंदा से भी मुलाकात संभव है. वे भी इस मुद्दे पर सीएम के सामने अपने विचार रख सकते हैं. उस मुलाकात के बाद हो सकता है कि अजय देवगन की किसी फिल्म की शूटिंग भी यूपी में होती दिख जाए.

हिन्दू लड़की से मुस्लिम लड़के की शादी पुलिस ने मंडप में रुकवायी

न्यूज डेस्क: उत्तर प्रदेश में गैर-कानूनी धर्मांतरण को रोकने के लिए योगी आदित्यनाथ की सरकार की ओर से पेश किए गए अध्यादेश के कानून बनने के बाद राजधानी लखनऊ में पुलिस ने एक मुस्लिम युवक और हिंदू लड़की की शादी रोक दी. पुलिस ने शादी को रोकने के लिए नए अध्यादेश का हवाला दिया. यह शादी बुधवार को लखनऊ के पारा इलाके में हो रही थी, रस्में शुरू होने से कुछ मिनट पहले ही पुलिस विवाह स्थल पर पहुंची और दोनों पक्षों को अपने साथ पुलिस थाने चलने के लिए कहा.

लखनऊ पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी सुरेश चंद्र रावत ने मीडिया को बताया, “2 दिसंबर को हमें सूचना मिली थी कि एक समुदाय की लड़की दूसरे समुदाय के लड़के के साथ शादी करना चाहती है. हमने दोनों पक्षों को पुलिस थाने में बुलाया और उन्हें गैर-कानूनी धर्मांतरण पर नए अध्यादेश की प्रति दी. दोनों पक्षों ने लिखित में सहमति जताई है कि कानून के मुताबिक, डीएम (जिलाधिकारी) को इस संबंध में सूचित करने और उनकी मंजूरी मिलने के बाद ही हम शादी को लेकर आगे बढ़ेंगे.

सहमति से हो रही थी शादी

लड़की और लड़के के परिवार ने ऑन रिकॉर्ड कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है. हालांकि, सूत्रों ने कहा कि शादी दोनों परिवारों की सहमति से हो रही थी और दोनों परिवारों को इसकी जानकारी थी. इसमें कोई जबरदस्ती शामिल नहीं है. सूत्रों ने कहा कि कानूनी जरूरतों को पूरा करने के बाद दोनों परिवार शादी के कार्यक्रम को आगे बढ़ाएंगे.

“गैर कानूनी धर्मांतरण विधेयक” के प्रावधानों के तहत, लालच, झूठ बोलकर या ज़ोर ज़बरदस्ती किये गए धर्म परिवर्तन या शादी के लिए किए गए धर्म परिवर्तन को अपराध माना जाएगा. नाबालिग, अनुसूचित जाति, जनजाति की महिला के धर्म परिवर्तन पर कड़ी सजा होगी. सामूहिक धर्म परिवर्तन कराने वाले सामाजिक संगठनों के खिलाफ कार्रवाई होगी. धर्म परिवर्तन के साथ अंतर धार्मिक शादी करने वाले को साबित करना होगा कि उसने इस कानून को नही तोड़ा है. लडक़ी का धर्म बदलकर की गई शादी को शादी नही माना जायेगा.

इसके अलावा, ज़बरदस्ती प्रलोभन से किया गया धर्म परिवर्तन संज्ञेय और गैर जमानती अपराध होगा. इस कानून को तोड़ने पर कम से कम 15 हज़ार रुपये जुर्माना और एक से पांच साल तक की सज़ा होगी. धर्म परिवर्तन के लिए तयशुदा फॉर्म भरकर दो महीने पहले डीएम को देना होगा,इसे न मानने पर छह महीने से तीन साल की सज़ा और कम से कम दस हज़ार रुपये जुर्माना होगा.

फरवरी से मई के बीच हो सकते हैं यूपी में पंचायत चुनाव, जानिये आरक्षण का गणित

न्यूज डेस्क: यूपी में भले ही अभी पंचायत चुनाव की तारीखों की घोषणा नहीं हुई हो लेकिन प्रशासनिक स्तर पर तैयारियां जोरों पर हैं. कानपुर में आयोजित एक कार्यक्रम में पहुंचे पंचायतीराज के अपर मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने कहा कि पंचायत चुनाव फरवरी, अप्रैल या मई में हो सकते हैं. इस संबंध में जल्द निर्णय ले लिया जाएगा. शासनस्तर पर चुनाव कराने को लेकर विचार चल रहा है. अभी कुछ तय नहीं हुआ है. सीटों के आरक्षण को लेकर हर वर्ग में टकटकी लगी हुई है.

अन्नप्राशन महिला लघु उद्योग निर्माण इकाई के लोकार्पण कार्यक्रम में पहुंचे अपर मुख्य सचिव ने बताया कि पंचायत चुनाव की जिले स्तर पर तैयारियां तेजी से चल रही है. अधिकारी और कर्मचारी इसमें जुटे हैं. उन्होंने बताया कि प्रधानों का कार्यकाल समाप्त होने पर पंचायतीराज अधिनियम के तहत एडीओ स्तर के अधिकारी प्रशासक नियुक्त किए जाएंगे.

यूपी की मौजूदा ग्राम पंचायत का कार्यकाल 25 दिसबंर को खत्म हो रहा है, लेकिन उससे पहले चुनाव संभव नही है. सरकार फरवरी 2021 से मई के बीच चुनाव कराने की तैयारी में है. अभी वोटर लिस्ट पुनरीक्षण का काम चल रहा है. इसके साथ पंचायत चुनाव लड़ने वालों की निगाहें आरक्षण सूची पर लगी है. हर कोई यह जानने को बेताब है कि आखिर उनके गांव में आरक्षण स्थिति इस बार क्या रह सकती है.

पंचायतों में आरक्षण लागू करने के लिए राजस्व ग्रामों की जनसंख्या का आकलन किया जाएगा. पांच साल पहले चुनाव के समय ग्राम पंचायत की क्या स्थिति थी, वर्तमान में क्या स्थिति है, उसी आधार पर तय होगा कि उस ग्राम पंचायत की सीट किस प्रत्याशी के लिए आरक्षित होगी.

वर्तमान में जिस वर्ग के लिए सीट आरक्षित है, वह आगामी चुनाव में उस वर्ग के लिए आरक्षित नहीं रहेगी. आरक्षण वरीयता क्रम में एसटी की कुल आरक्षित सीटों में से एक तिहाई एसटी महिला के लिए आरक्षित होंगी. बाकी में महिला या पुरुष दोनों रहेंगे. एससी की 21 प्रतिशत आरक्षित सीटों में एक तिहाई सीटें इस वर्ग की महिला और बाकी बची सीटें इसी वर्ग के महिला या पुरुष दोनों के लिए होंगी. ओबीसी की 27 फीसदी सीटों में तिहाई सीटें इस वर्ग की महिला के लिए आरक्षित की जाएंगी. बाकी इस वर्ग की महिला या पुरुष दोनों के लिए अनारक्षित रहेंगी. कुल की 50 प्रतिशत सीटें अनारक्षित होंगी, मगर उनमें एक तिहाई सीटें सामान्य जाति की महिला प्रत्याशियों के लिए आरक्षित रहेंगी. पंचायत चुनाव में सीटों पर आरक्षण अवरोही क्रम में लागू होगा.