किसान आंदोलन में खालिस्तानी, जिहादी, देश विरोधी गिरोहों की घुसपैठ !

न्यूज डेस्क: कृषि कानून को लेकर देश भर में शांति है लेकिन कांग्रेस शासित पंजाब के किसान दिल्ली आकर अशांति फैलाना चाहते हैं. इन कथित किसानों ने रास्ते में जमकर उत्पात मचाया. सोशल मीडिया पर कई फोटो और वीडियो वायरल हो रहे हैं, जिनमें दिख रहा है कि आंदोलनकारियों में खालिस्तान समर्थक, जिहादी और देश विरोधी मानसिकतावाले लोग भी शामिल हैं जो किसानों को सरकार के खिलाफ भड़का रहे हैं.

इसी तरह का एक वीडियो सामने आया है जिसमें एक तथाकथित किसान द्वारा स्पष्ट तौर पर यह कहते हुए सुना जा सकता है कि जैसे इंदिरा गाँधी को ठोका वैसे ही नरेंद्र मोदी को भी ठोक देंगे. इसी वीडियो के अगले हिस्से में लोगों को यह कहते हुए भी सुना जा सकता है कि सरकार के साथ 3 दिसंबर को होने वाली बैठक में कोई नतीजा नहीं निकलता है. तब वहाँ मौजूद लोगों के पास बैरीकेडिंग तोड़ने और हिंसक होने के अलावा कोई और विकल्प नहीं बचेगा. ज़मीन पर हो रहे प्रदर्शन के अलावा सोशल मीडिया पर भी किसान आंदोलन को लेकर काफी प्रतिक्रिया सामने रही हैं. एक पंजाबी मीडिया समूह द्वारा साझा किए गए वीडियो में तमाम यूज़र्स ने टिप्पणी की है और टिप्पणी में वह इस आंदोलन को हिंसक बनाने की बात कह रहे हैं.

नजीर मोहम्मद बना सिख


एक अन्य वायरल फोटो में दिख रहा है कि किसान आंदोलन में कुछ लोग जालीदार टोपी वाले दिखाई दे रहे हैं. किसानों के लिए मस्जिदों से खाने दिए जा रहे हैं. इसके साथ ही नजीर मोहम्मद जैसे लोग सिखों वाली पगड़ी बांधकर किसानों के आंदोलन में शामिल हो गए हैं. शाहीन बाग में बैठने वाली वृद्ध मोमिना इस बार किसान बनने की नौटंकी कर इस आंदोलन में पंजाब से आई एक सिख वृद्धा बनने का स्वांग रच रही है. इनके हथकंडे वही शाहीन बाग वाले हैं. आरोप लगाये जा रहे हैं कि कांग्रेस की शह पर किसान आंदोलन में खालिस्तान समर्थन जुटे हुए हैं. देश विरोधी नारे लगाए जा रहे हैं. सोशल मीडिया पर वायरल कुछ तस्वीरों से इन शंकाओं को बल मिलता है कि किसान आंदोलन के बहाने कोई बड़ी साजिश तो नहीं. आंदोलन के बारे में सोशल मीडिया पर कहा जा रहा है कि वे भटके हुए भ्रमित लोग हैं. राजनीतिक दलों ने उन्ंहें भड़काया है. कुछ तो उन्ंहें खालिस्तानी और देशद्रोही भी कहते नजर आ रहे हैं.

किसान आंदोलन में पहुंची शाहीन बाग की दादी बिल्किस बानो, गिरफ्तार

नागरिकता संशोधन कानून और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर प्रोटेस्ट का चेहरा और शाहीन बाग की दादी बिल्किस बानो को सिंघु बॉर्डर पर दिल्‍ली पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. वह आज किसान आंदोलन का समर्थन करने सिंघु बॉर्डर पहुंची थीं. इससे पहले बिल्किस बानो ने कहा था कि हम किसानों की बेटियां हैं और हम आज किसानों के विरोध का समर्थन करेंगे. हम अपनी आवाज उठाएंगे, सरकार को हमारी बात सुननी चाहिए.

दरअसल, पिछले कई दिनों से उत्‍तर प्रदेश, हरियाणा और पंजाब के किसान संगठन केंद्र सरकार के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्‍ली के टिकरी, गाजीपुर और सिंघू बॉर्डर पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. जबकि पुलिस ने किसानों के दिल्ली चलो के आह्वान के मद्देनजर सीमा पर एहतियात के तौर पर वाहनों की जांच तेज कर दी है. वैसे टिकरी, सिंघू और गाजीपुर बॉर्डर के अलावा दिल्ली को हरियाणा और उत्तर प्रदेश से जोड़ने वाले किसी अन्य सीमा क्षेत्र से विरोध प्रदर्शन की खबर नहीं है. एहतियात के तौर पर दिल्ली गुड़गांव सीमा पर भी सुरक्षा बलों की तैनाती मजबूत कर दी गई है.

शाहीन बाग से सुर्खियों में आईं थीं बिल्किस दादी

ऐसा नहीं है कि बिल्किस दादी नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में चले प्रदर्शन के दौरान केवल खास मौकों पर ही नजर आई थीं. वे सुबह से लेकर रात तक ही धरना देती दिखाई दी थीं. उन्होंने इस विरोध पर अंत समय तक बने रहने की बात की थी. बिल्किस दादी के नाम से मशहूर बिल्किस बानो उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर की रहने वाली हैं, लेकिन वे फिलहाल अपने बच्चों के साथ दिल्ली में रह रही हैं. उनके पति खेती मजदूरी किया करते थे जो अब इस दुनिया में नहीं हैं. यही नहीं, प्रदर्शन के दौरान बिल्किस दादी ने बताया था कि उन्होंने अपनी जिंदगी में कभी किसी राजनैतिक आंदोलन में भाग नहीं लिया था. इससे पहले वे केवल एक घरेलू महिला हुआ करती थीं. उन्होंने पहले कभी अपना घर नहीं छोड़ा. लेकिन इस प्रदर्शन में उनका खाना सोना धरना स्थल पर ही होता था. उनका कहना था कि वे केवल कुछ समय के लिए कपड़े बदलने घर जाती थीं.