UP MLC Chunav Results: जानिए कौन कहां से जीता

न्यूज डेस्क: उत्तर प्रदेश में विधान परिषद की 11 सीटों के लिए हुए चुनाव में बरेली-मुरादाबाद, मुरादाबाद व मेरठ शिक्षक खंड सीट पर भाजपा के प्रत्याशी विजयी हुए हैं. विधान परिषद की बरेली-मुरादाबाद खण्ड निर्वाचन क्षेत्र सीट पर भाजपा प्रत्याशी हरि सिंह ढिल्लों चुनाव जीत गये हैं. उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी सपा प्रत्याशी संजय मिश्र को 4864 मतों के अंतर से हराया. श्री ढिल्लों को प्रथम वरीयता के 12827 वोट मिले जबकि सपा प्रत्याशी संजय मिश्र को 4864 मत प्राप्त हुए. राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय ने इस परिणाम की पुष्टि की है.

मेरठ : मेरठ खंड शिक्षक सीट पर भाजपा प्रत्याशी श्रीचंद शर्मा ने सभी वरीयता के मतों की गणना के बाद सर्वाधिक 8222 मत प्राप्त किए. उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी आठ बार के विधानपरिषद सदस्य ओमप्रकाश शर्मा को महज 3305 वोट मिले. अनुमान है कि इस संबंध में शुक्रवार को ही आयोग द्वारा स्थिति स्पष्ट की जाएगी.

लखनऊ: शिक्षक लखनऊ खंड निर्वाचन से भाजपा के उमेश द्विवेदी विजयी हुए हैं. उन्हें कुल 7065 मत मिले, जबकि दूसरे नंबर पर निर्दलीय डॉ. महेंद्रनाथ राय से रहे. कुल 17985 मतों में से 17077 वैध मतों की गिनती में गिनती में उमेश द्विवेदी को 7065 वोट मिले. एमएलसी वाराणसी खंड शिक्षक कोटे की सीट पर सपा के लाल बिहारी यादव विजयी रहे. उन्होंने प्रतिद्वंद्वी शिक्षक नेता ओम प्रकाश शर्मा गुट के डा प्रमोद कुमार मिश्र को 418 वोट से शिकस्त दी. लाल बिहारी को 7248 वोट तो वहीं मिश्र को 6830 वोट मिले.

झांसी-प्रयागराज स्नातक एमएलसी सीट पर 10 राउंड की गिनती पूरी. सपा के मानसिंह यादव 2500 वोटों से आगे, उन्हें 19421 मत मिले. भाजपा के यज्ञदत्त शर्मा को मिले 16888 वोट. सपा 2533 वोटों से आगे. तीसरे स्थान पर निर्दलीय उम्मीदवार हरिप्रकाश को मिले 7937 वोट. अब होगी दूसरी वरीयता के मतों की गिनती.

गोरखपुर-फैजाबाद खंड शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र के 2020 के चुनाव में भी बाजी मारते हुए उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ (शर्मा गुट) के प्रत्याशी ध्रुव कुमार त्रिपाठी ने जीत की हैट्रिक लगाई है. इस सीट पर लगातार तीन बार जीतने वाले वह पहले प्रत्याशी बन गए हैं. उन्होंने अपने निकतटम प्रतिद्वंद्वी अजय सिंह को 1008 मतों से पराजित किया. ध्रुव को 10227 जबकि अजय सिंह को 9219 वोट मिला.

वाराणसी: एमएलसी वाराणसी खंड शिक्षक व स्नातक सीट की मतगणना गुरुवार देर रात तक जारी रही. रात डेढ़ बजे तक शिक्षक सीट पर सपा के लाल बिहारी यादव सातवें चक्र की गिनती में अपने प्रतिद्वंद्वी शिक्षक नेता डा. प्रमोद कुमार मिश्र (ओम प्रकाश शर्मा गुट) से 510 वोट से आगे चल रहे थे. लाल बिहारी को 6205 वोट तो वहीं प्रमोद मिश्र को 5695 वोट मिले थे. निवर्तमान एमएलसी चेतनारायण सिंह 4236 वोट पाकर तीसरे स्थान पर चल रहे थे. वहीं, वहीं, एमएलसी स्नातक सीट पर भी देर रात मतगणना शुरू हुई. इसमें भी सपा के आशुतोष सिन्हा सबसे आगे थे.

वहीं आगरा के स्नातक निर्वाचन क्षेत्र से निर्दलीय आकाश अग्रवाल 5798 वोट लेकर सबसे आगे थे. भाजपा के दिनेश वशिष्ठ 3685 वोटों के साथ दूसरे स्थान पर थे. जगवीर किशोर जैन 2952 वोटों के साथ तीसरे स्थान पर हैं. निर्दलीय गुमान सिंह यादव 2288 वोट लेकर चौथे स्थान पर थे, जबकि सपा के हेवेंद्र सिंह 1509 वोटों संग पांचवें स्थान पर चल रहे थे.

बीजेपी के लिए प्रतिष्ठा की जंग

बीजेपी के लिए नतीजे काफी अहम हैं. पार्टी विधान परिषद में संख्या बल बढ़ाना चाहती है. 100 सदस्यों के सदन में अभी बीजेपी के 19 प्रतिनिधि ही हैं, जबकि समाजवादी पार्टी के पास 52 का संख्याबल है. स्नातक निर्वाचन में बीजेपी ने लखनऊ से अवनीश सिंह पटेल, वाराणसी से केदारनाथ सिंह, आगरा से मानवेंद्र सिंह, मेरठ से दिनेश गोयल और इलाहाबाद-झांसी से डॉ. यज्ञदत्त शर्मा को उतारा है. दूसरी और शिक्षक निर्वाचन में पार्टी ने लखनऊ से उमेश द्विवेदी, आगरा से दिनेश वशिष्ठ, मेरठ से शिरीष चंद्र शर्मा और बरेली-मुरादाबाद से हरि सिंह ढिल्लो को उतारा है. इसके साथ ही वाराणसी सीट पर चेतनारायण सिंह और गोरखपुर-फैजाबाद सीट पर अजय सिंह को बीजेपी ने समर्थन दिया है. समाजवादी पार्टी ने सभी 11 सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं. इससे पहले के चुनावों में ओम प्रकाश शर्मा के नेतृत्व वाले उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ की तूती बोलती रही है.

11 एमएलसी सीटों पर हुआ चुनाव

खंड शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र- लखनऊ, आगरा, मेरठ, वाराणसी, बरेली-मुरादाबाद, गोरखपुर-फैजाबाद. खंड स्नातक निर्वाचन क्षेत्र- लखनऊ, आगरा, मेरठ, वाराणसी और इलाहाबाद-झांसी. खंड शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र में 2 लाख 6 हजार 335 वोटर, खंड स्नातक निर्वाचन क्षेत्रों में 12 लाख 69 हजार 817 वोटर हैं.

ऐसे चुने जाते हैं विधान परिषद के सदस्य

उत्तर प्रदेश विधान परिषद में 100 सीटें हैं. विधान परिषद में एक तय सीमा तक सदस्य होते हैं. विधानसभा के एक तिहाई से ज्यादा सदस्य विधान परिषद में नहीं होने चाहिए. मसलन यूपी में 403 विधानसभा सदस्य हैं. यानी यूपी विधान परिषद में 134 से ज्यादा सदस्य नहीं हो सकते हैं. इसके अलावा विधान परिषद में कम से कम 40 सदस्य होना जरूरी है. एमएलसी का दर्जा विधायक के ही समकक्ष होता है. विधान परिषद के सदस्य का कार्यकाल छह साल के लिए होता है. चुनाव लड़ने के लिए न्यूनतम 30 साल उम्र होनी चाहिए. एक तिहाई सदस्यों को विधायक चुनते हैं. इसके अलावा एक तिहाई सदस्यों को नगर निगम, नगरपालिका, जिला पंचायत और क्षेत्र पंचायत के सदस्य चुनते हैं. वहीं, 1/12 सदस्यों को शिक्षक और 1/12 सदस्यों को रजिस्टर्ड ग्रैजुएट चुनते हैं. यूपी में विधान परिषद के 100 में से 38 सदस्यों को विधायक चुनते हैं. वहीं 36 सदस्यों को स्थानीय निकाय निर्वाचन क्षेत्र के तहत जिला पंचायत सदस्य, क्षेत्र पंचायत सदस्य (BDC) और नगर निगम या नगरपालिका के निर्वाचित प्रतिनिधि चुनते हैं. 10 मनोनीत सदस्यों को राज्यपाल नॉमिनेट करते हैं. इसके अलावा 8-8 सीटें शिक्षक निर्वाचन और स्नातक निर्वाचन क्षेत्र के तहत आती हैं.