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सस्ती कोरोना वैक्सीन के लिए दुनिया की नजर भारत पर: पीएम

न्यूज डेस्क: कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों से कैसे निपटा जाए, इस पर चर्चा के लिए आज पीएम मोदी की अगुवाई में सर्वदलीय बैठक हुई. कोरोना वायरस महामारी से उत्पन्न स्थिति पर चर्चा करने के लिए केंद्र द्वारा आज बुलाई गई सर्वदलीय बैठक की अध्यक्षता पीएम नरेंद्र मोदी किये. माना जा रहा है कि अगले कुछ हफ़्तों में कोरोना की वैक्सीन तैयार हो जाएगी. जैसे ही वैज्ञानिकों की हरी झंडी मिलेगी भारत में टीकाकरण अभियान शुरू कर दिया जाएगा.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए कोरोना वायरस पर सर्वदलीय बैठक को संबोधित किया. उन्होंने कहा कहा कह अभी अन्य देशों की कई वैक्सीन के नाम हम बाज़ार में सुन रहे हैं लेकिन दुनिया की नज़र कम कीमत वाली, सबसे सुर​क्षित वैक्सीन पर है और इसलिए पूरी दुनिया की नज़र भारत पर भी है. बैठक में पीएम मोदी ने कहा कि क़रीब 8 ऐसी संभावित वैक्सीन हैं जो ट्रायल के अलग-अलग चरण में हैं और जिनका उत्पादन भारत में ही होना है. भारत की अपनी 3 वैक्सीन का ट्रायल अलग-अलग चरणों में है. विशेषज्ञ ये मान रहे हैं कि वैक्सीन के लिए बहुत ज़्यादा इंतजार नहीं करना पड़ेगा.

कोविड-19 महामारी शुरू होने के बाद से दूसरी बार सरकार ने कोरोना वायरस से उत्पन्न हालात पर चर्चा के लिए सर्वदलीय बैठक बुलाई है. वायरस के प्रसार को रोकने के लिए राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के दौरान 20 अप्रैल को पहली बैठक आयोजित हुई थी.

रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, गृहमंत्री अमित शाह, स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन, संसदीय कार्यमंत्री प्रहलाद जोशी सहित सरकार के शीर्ष मंत्री बैठक में शामिल हुए. कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी और गुलाम नबी आजाद, तृणमूल कांग्रेस के सुदीप बंदोपाध्याय और डेरेक ओ ब्रायन, वाईएसआर कांग्रेस के मिधुन रेड्डी और विजयसाई रेड्डी समेत अन्य नेताओं ने बैठक में हिस्सा लिया.

कोरोना वैक्सीन के मामले में दुनिया में भारत बना नंबर वन

न्यूज डेस्क: कोरोना के टीके को लेकर भारत विश्व का अग्रणी राष्ट्र बन गया है. भारत में कोरोना वैक्सीन की खरीद से लेकर भंडारण और वितरण तक का खाका तैयार है. अब तक जो आंकड़े सामने आए हैं, उसके मुताबिक कोरोना वायरस वैक्सीन की बुकिंग के मामले में भारत दुनियाभर में नंबर वन पर है. 30 नवंबर तक के आंकड़ों के अनुसार, कोरोना वैक्‍सीन की ‘कन्‍फर्म डोज’ के बुकिंग के मामले में भारत दुनियाभर में शीर्ष स्थान पर है. भारत अब तक कोरोना वैक्सीन की 160 करोड़ कन्फर्म डोज का ऑर्डर दे चुका है.

ड्यूक यूनिवर्सिटी के लॉन्च एंड स्केल स्पीडोमीटर के आंकड़ों के मुताबिक, भारत ने सबसे अधिक कोविड-19 वैक्सीन ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की बुक की है. भारत ने ऑक्‍सफोर्ड-एस्‍ट्राजेनेका की वैक्‍सीन की 500 मिलियन डोज (50 करोड़) का ऑर्डर दिया है. भारत के साथ-साथ अमेरिका ने भी इतनी डोज का ऑर्डर दिया है. अमेरिका ने भी ऑक्‍सफोर्ड-एस्‍ट्राजेनेका की वैक्‍सीन के 500 मिलियन डोज का आर्डर दिया है. ऑक्‍सफोर्ड-एस्‍ट्राजेनेका की वैक्‍सीन को भारत, अमेरिका के अलावा यूरोपीय यूनियन समेत कई देशों ने बुक कर रखा है.

किससे कितनी वैक्सीन खरीद रहा कौन

ऑक्‍सफोर्ड-एस्‍ट्राजेनेका की वैक्सीन: भारत ने इसके 500 मिलियन डोज (50 करोड़) की बुकिंग की है. भारत के जितने ही अमेरिका ने भी वैक्सीन का ऑर्डर दिया है. वहीं यूरोपीय यूनियन ने 400 मिलियन डोज की बुकिंग की है. ब्रिटेन की बात करें तो इसने 100 मिलियन वैक्सीन के डोज की बुकिंग की है और कनाडा ने 20 मिलिनय का ऑर्डर दिया है. ड्यूक यूनिवर्सिटी ने जो आंकड़ा जारी किया है, उसमें सिर्फ ऑक्‍सफोर्ड-एस्‍ट्राजेनेका की ही एकमात्र वैक्सीन है, जिसका ऑर्डर लगभग सभी ने दिया है. इन देशों को मिलाकर देखें तो सबसे अधिक 1.5 बिलियन (150 करोड़) वैक्सीन डोज ऑक्सफोर्ड की ही बुक हैं. बता दें कि इस वैक्सीन का ट्रायल भारत में सीरम इंस्टीट्यूट कर रहा है.

नोवावैक्स की वैक्सीन: भारत ने नोवावैक्स को वैक्सीन की 1 बिलियन डोज का ऑर्डर दिया है. हालांकि, अमेरिका इससे वैक्सीन नहीं खरीद रहा है. यूरोपीय यूनियन ने 110 मिलियन डोज का ऑर्डर दिया है, वहीं कनाडा ने 76 मिलिनय और ब्रिटेन ने 60 मिलिनय वैक्सीन के डोज का ऑर्डर दिया है. इस तरह से इसे कुल 1.2 बिलियन वैक्सीन का ऑर्डर मिला है.

गमालेया की स्पुतनिक-5 वैक्सीन: भारत ने रूसी कोरोना वैक्‍सीन स्पुतनिक-V वैक्‍सीन की 100 मिलियन यानी 10 करोड़ डोज बुक कर रखी है. फिलहाल रूसी वैक्सीन का अंतिम ट्रायल भारत में हो रहा है और इसका हैदराबाद की डॉ रेड्डी के साथ ट्रायल के लिए समझौता हुआ है. रूस की वैक्सीन को भारत के अलावा, अब तक किसी देश ने बुक नहीं किया है. बता दें कि स्पुतनिक-5 को गामलेया रिसर्च इंस्टिट्यूट ने विकसित किया है, जिसे लेकर अगस्त में ऐलान हुआ था.

सनोफी-जीएसके की वैक्सीन: भारत ने कोरोना वैक्सीन को लेकर इससे अब तक कोई करार नहीं किया है. हालांकि, अमेरिका, यूरोपीय यूनियन, कनाडा और ब्रिटेन ने इसके वैक्सीन की डोज का ऑर्डर दे रखा है.

फाइजर-बायोएनटेक की वैक्सीन: ब्रिटेन ने फाइजर-बायोएनटेक की वैक्सीन को अपने देश में मंजूरी दे दी है और इसके 40 मिलियन डोज का ऑर्डर भी दे रखा है. हालांकि, भारत ने इसक वैक्सीन की बुकिंग अभी तक नहीं की है. अमेरिका ने 100 मिलियन यानी 10 करोड़ डोज की बुकिंग की है. वहीं, यूरोपीय यूनियन ने 300 मिलियन और कनाडा ने 20 मिलियन ने ऑर्डर दे रखा है. इस तरह से इस कंपनी के वैक्सीन की 460 मिलियन डोज की बुकिंग हो चुकी है.

मॉडर्ना की वैक्सीन: वैक्सीन कैंडिडेट्स मॉडर्ना भी रेस में आगे चल रही है, मगर भारत ने अब तक इसके कन्फर्म वैक्सीन की बुकिंग नहीं की है. हालांकि, यूरोपीय यूनियन ने 160 मिलियन डोज का ऑर्डर दिया है और कनाडा ने 56 मिलियन का. मगर यहां यह भी जानने वाली बात है कि अमेरिका ने भी इसकी बुकिंग नहीं की है.

यहां ध्यान देने वाली बात है कि ये सभी वैक्सीन के ऑर्डर कन्फर्म वैक्सीन को लेकर हैं. जब इन सबकी वैक्सीन पूरी तरह से ग्लोबली मंजूर हो जाएगी, तब ये सभी कंपनियां ऑर्डर के हिसाब से उन देशों को सप्लाई करेंगी, जिन्होंने पहले से बुक कर रखा है. इस तरह से अगर आंकड़ों पर गौर किया जाए तो भारत अब तक दुनियाभर में सबसे अधिक 1.6 बिलियन यानी 60 करोड़ वैक्‍सीन का ऑर्डर दे चुका है.