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अफवाह नहीं हकीकत

ईडी ने जब्त की विजय माल्या की 14 करोड़ की प्रॉपर्टी

न्यूज डेस्क: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शुक्रवार को बताया कि धन शोधन रोधी कानून के तहत फ्रांस में व्यवसायी विजय माल्या की 14 करोड़ रुपए मूल्य की संपत्ति को जब्त किया गया है. ईडी ने कहा कि फ्रांसीसी अधिकारियों द्वारा प्रवर्तन निदेशालय के अनुरोध पर कार्रवाई की गई और संपत्ति फ्रांस में 32 एवेन्यू एफओसीएच में स्थित है. केन्द्रीय जांच एजेंसी ने एक बयान में बताया कि जब्त की गई संपत्ति का मूल्य लगभग 14 करोड़ रुपए है.

इसमें कहा गया है कि धन शोधन निवारण अधिनियम के तहत जांच में खुलासा हुआ था कि संपत्ति के निर्माण के लिए किंगफिशर एयरलाइंस लिमिटेड (केएएल) के एक खाते से एक बड़ी राशि विदेश भेजी गई थी. माल्या फिलहाल लंदन में हैं और भारत लगातार उनके प्रत्यर्पण की कोशिश कर रहा है.

धन शोधन और धोखाधड़ी के मामलों का सामना करने के लिए भारत प्रत्यर्पित किए जाने के खिलाफ ब्रिटेन के उच्चतम न्यायालय में माल्या मई में अपनी अपील हार गए थे. ब्रिटेन के उच्चतम न्यायालय में माल्या की अपील खारिज होने के बाद भारत उसके प्रत्यर्पण पर जोर दे रहा है. भारत प्रत्यर्पित किए जाने के खिलाफ ब्रिटेन की शीर्ष अदालत में अपील खारिज होने के पहले अप्रैल में उच्च न्यायालय में भी उनकी अपील खारिज हो गई थी.

भारत ने इसी साल जून में ब्रिटेन से अनुरोध किया था कि वह माल्या के शरण के आग्रह पर विचार नहीं करे. माल्या मार्च 2016 से ही ब्रिटेन में हैं और 18 अप्रैल 2017 को स्कॉटलैंड यार्ड (लंदन पुलिस) द्वारा प्रत्यर्पण वारंट की तामील किए जाने के बाद से वह जमानत पर हैं. माल्या 9 हजार करोड़ रुपए के लोन घोटाले में आरोपी हैं. एसबीआई सहित 17 बैंकों से यह लोन लिया गया था. भारतीय एजेंसियों का शिकंजा कसने के बाद माल्या ने कई बार बैंकों का पैसा लौटाने की भी पेशकश की है.

विजय माल्या केस टाइमलाइन :

* 2 मार्च, 2016 को विजय माल्या लंदन पहुंचा.
* 21 फरवरी 2017 को होम सेक्रेटरी ने माल्या के प्रत्यर्पण के लिए अर्जी दी.
* 18 अप्रैल, 2017 को विजय माल्या को लंदन में गिरफ्तार किया गया है. उसे उसी दिन बेल भी दे दी गई.
* 24 अप्रैल 2017 को उसका भारतीय पासपोर्ट निरस्त कर दिया गया.
* 2 मई 2017 को उसने राज्यसभा की सदस्यता से इस्तीफा दिया.
* 13 जून 2017 वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट कोर्ट में केस मैनेजमेंट और प्रत्यर्पण की सुनवाई शुरू हुई.
* 10 दिसंबर 2018 को मुख्य मजिस्ट्रेट एम्मा अर्बुथनोट प्रत्यर्पण की मंजूरी देती हैं और गृह सचिव को फाइल भेजती हैं.
* 3 फरवरी 2019 को गृह सचिव ने भारत को प्रत्यर्पण का आदेश दिया.
* 5 अप्रैल 2019 को इंग्लैंड और वेल्स के उच्च न्यायालय के न्यायाधीश डेविड ने अपील करने के लिए कागजात पर अनुमति देने से इनकार कर दिया.
* 2 जुलाई, 2019- एक मौखिक सुनवाई में, जस्टिस लेगट और जस्टिस पॉपप्वेल ने इस आधार पर अपील करने की अनुमति दी कि आर्बुथनॉट ने यह निष्कर्ष निकालने में गलती की थी कि भारत ने माल्या के खिलाफ एक प्रथम दृष्टया मामला कायम किया था.
* 11-13 मई, 2020 को जस्टिस इरविन और जस्टिस लैंग ने अपील सुनी.
* 20 अप्रैल, 2020 को अपील खारिज, अंतिम निर्णय के लिए गृह सचिव के पास गया मामला.

कोरोना वैक्सीन के मामले में दुनिया में भारत बना नंबर वन

न्यूज डेस्क: कोरोना के टीके को लेकर भारत विश्व का अग्रणी राष्ट्र बन गया है. भारत में कोरोना वैक्सीन की खरीद से लेकर भंडारण और वितरण तक का खाका तैयार है. अब तक जो आंकड़े सामने आए हैं, उसके मुताबिक कोरोना वायरस वैक्सीन की बुकिंग के मामले में भारत दुनियाभर में नंबर वन पर है. 30 नवंबर तक के आंकड़ों के अनुसार, कोरोना वैक्‍सीन की ‘कन्‍फर्म डोज’ के बुकिंग के मामले में भारत दुनियाभर में शीर्ष स्थान पर है. भारत अब तक कोरोना वैक्सीन की 160 करोड़ कन्फर्म डोज का ऑर्डर दे चुका है.

ड्यूक यूनिवर्सिटी के लॉन्च एंड स्केल स्पीडोमीटर के आंकड़ों के मुताबिक, भारत ने सबसे अधिक कोविड-19 वैक्सीन ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की बुक की है. भारत ने ऑक्‍सफोर्ड-एस्‍ट्राजेनेका की वैक्‍सीन की 500 मिलियन डोज (50 करोड़) का ऑर्डर दिया है. भारत के साथ-साथ अमेरिका ने भी इतनी डोज का ऑर्डर दिया है. अमेरिका ने भी ऑक्‍सफोर्ड-एस्‍ट्राजेनेका की वैक्‍सीन के 500 मिलियन डोज का आर्डर दिया है. ऑक्‍सफोर्ड-एस्‍ट्राजेनेका की वैक्‍सीन को भारत, अमेरिका के अलावा यूरोपीय यूनियन समेत कई देशों ने बुक कर रखा है.

किससे कितनी वैक्सीन खरीद रहा कौन

ऑक्‍सफोर्ड-एस्‍ट्राजेनेका की वैक्सीन: भारत ने इसके 500 मिलियन डोज (50 करोड़) की बुकिंग की है. भारत के जितने ही अमेरिका ने भी वैक्सीन का ऑर्डर दिया है. वहीं यूरोपीय यूनियन ने 400 मिलियन डोज की बुकिंग की है. ब्रिटेन की बात करें तो इसने 100 मिलियन वैक्सीन के डोज की बुकिंग की है और कनाडा ने 20 मिलिनय का ऑर्डर दिया है. ड्यूक यूनिवर्सिटी ने जो आंकड़ा जारी किया है, उसमें सिर्फ ऑक्‍सफोर्ड-एस्‍ट्राजेनेका की ही एकमात्र वैक्सीन है, जिसका ऑर्डर लगभग सभी ने दिया है. इन देशों को मिलाकर देखें तो सबसे अधिक 1.5 बिलियन (150 करोड़) वैक्सीन डोज ऑक्सफोर्ड की ही बुक हैं. बता दें कि इस वैक्सीन का ट्रायल भारत में सीरम इंस्टीट्यूट कर रहा है.

नोवावैक्स की वैक्सीन: भारत ने नोवावैक्स को वैक्सीन की 1 बिलियन डोज का ऑर्डर दिया है. हालांकि, अमेरिका इससे वैक्सीन नहीं खरीद रहा है. यूरोपीय यूनियन ने 110 मिलियन डोज का ऑर्डर दिया है, वहीं कनाडा ने 76 मिलिनय और ब्रिटेन ने 60 मिलिनय वैक्सीन के डोज का ऑर्डर दिया है. इस तरह से इसे कुल 1.2 बिलियन वैक्सीन का ऑर्डर मिला है.

गमालेया की स्पुतनिक-5 वैक्सीन: भारत ने रूसी कोरोना वैक्‍सीन स्पुतनिक-V वैक्‍सीन की 100 मिलियन यानी 10 करोड़ डोज बुक कर रखी है. फिलहाल रूसी वैक्सीन का अंतिम ट्रायल भारत में हो रहा है और इसका हैदराबाद की डॉ रेड्डी के साथ ट्रायल के लिए समझौता हुआ है. रूस की वैक्सीन को भारत के अलावा, अब तक किसी देश ने बुक नहीं किया है. बता दें कि स्पुतनिक-5 को गामलेया रिसर्च इंस्टिट्यूट ने विकसित किया है, जिसे लेकर अगस्त में ऐलान हुआ था.

सनोफी-जीएसके की वैक्सीन: भारत ने कोरोना वैक्सीन को लेकर इससे अब तक कोई करार नहीं किया है. हालांकि, अमेरिका, यूरोपीय यूनियन, कनाडा और ब्रिटेन ने इसके वैक्सीन की डोज का ऑर्डर दे रखा है.

फाइजर-बायोएनटेक की वैक्सीन: ब्रिटेन ने फाइजर-बायोएनटेक की वैक्सीन को अपने देश में मंजूरी दे दी है और इसके 40 मिलियन डोज का ऑर्डर भी दे रखा है. हालांकि, भारत ने इसक वैक्सीन की बुकिंग अभी तक नहीं की है. अमेरिका ने 100 मिलियन यानी 10 करोड़ डोज की बुकिंग की है. वहीं, यूरोपीय यूनियन ने 300 मिलियन और कनाडा ने 20 मिलियन ने ऑर्डर दे रखा है. इस तरह से इस कंपनी के वैक्सीन की 460 मिलियन डोज की बुकिंग हो चुकी है.

मॉडर्ना की वैक्सीन: वैक्सीन कैंडिडेट्स मॉडर्ना भी रेस में आगे चल रही है, मगर भारत ने अब तक इसके कन्फर्म वैक्सीन की बुकिंग नहीं की है. हालांकि, यूरोपीय यूनियन ने 160 मिलियन डोज का ऑर्डर दिया है और कनाडा ने 56 मिलियन का. मगर यहां यह भी जानने वाली बात है कि अमेरिका ने भी इसकी बुकिंग नहीं की है.

यहां ध्यान देने वाली बात है कि ये सभी वैक्सीन के ऑर्डर कन्फर्म वैक्सीन को लेकर हैं. जब इन सबकी वैक्सीन पूरी तरह से ग्लोबली मंजूर हो जाएगी, तब ये सभी कंपनियां ऑर्डर के हिसाब से उन देशों को सप्लाई करेंगी, जिन्होंने पहले से बुक कर रखा है. इस तरह से अगर आंकड़ों पर गौर किया जाए तो भारत अब तक दुनियाभर में सबसे अधिक 1.6 बिलियन यानी 60 करोड़ वैक्‍सीन का ऑर्डर दे चुका है.

एलियन की जानकारी देनेवाला दुनिया का सबसे बड़ा एंटीना हुआ नष्ट

न्यूज डेस्क: दुनिया का सबसे ताकतवर और बड़ा एंटीना 450 फीट नीचे गिरकर टूट गया. इसके साथ ही दुनिया को एलियन ग्रहों और एस्टेरॉयड्स की खबरें देने वाली ऑब्जरवेटरी ने पूरी तरह काम करना बंद कर दिया है. मंगलवार को एंटीना के ऊपर पूरा का पूरा एक टावर और बाकी केबल गिर पड़े. इसकी वजह से डिश एंटीना जमीन पर गिर गया. पिछले महीने ही इसका एक केबल टूटने से एंटीना क्षतिग्रस्त हुआ था.

इस एंटीना के ऊपर जेम्स बॉन्ड सीरीज की मूवी गोल्डन आई की शूटिंग भी हुई थी. गोल्डन आई का क्लाइमैक्स सीन यहीं पर फिल्माया गया था. इस फिल्म में पियर्स ब्रॉसनन जेम्स बॉन्ड का किरदार निभा रहे थे. इसके अलावा इस ऑब्जरवेटरी में कई फिल्में, वेबसीरीज और डॉक्यूमेंट्रीज बन चुकी हैं. इसके अलावा जोडी फॉस्टर की फिल्म कॉन्टैक्ट की शूटिंग भी यहीं हुई थी. मंगलवार की रात इसके सारे केबल टूट गए और यह डिश एंटीना पर गिर पड़े, जिसकी वजह से पूरा का पूरा डिश एंटीना क्षतिग्रस्त हो गया. एंटीना के ऊपर लटका हुआ ढांचा भी गिर गया. जिससे काफी ज्यादा नुकसान हुआ है. ऑर्सीबो ऑब्जरवेटरी ने ट्वीट कर जानकारी दी कि विज्ञान की दुनिया के एक युग का अंत. ऑर्सीबो टेलीस्कोप टूट गया लेकिन इससे किसी को कोई नुकसान नहीं पहुंचा.

इस एंटीना को जब बनाया गया था तब इसका मकसद रक्षा प्रणाली को मजबूत करना था. इसके जरिए प्यूर्टो रिको एंटी-बैलिस्टिक मिसाइल डिफेंस सिस्टम को मजबूत करना चाहता था. बाद में इसका उपयोग वैज्ञानिक कार्यों के लिए किया जाने लगा. इस एंटीना ने सिर्फ अंतरिक्ष से आने वाले खतरों की ही जानकारी नहीं दी है. बल्कि आसपास के देशों को कई प्राकृतिक आपदाओं की सूचनाएं भी मुहैया कराई हैं.

रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक प्यूर्टो रिको आर्सीबो ऑब्जरवेटरी (Arecibo Observatory) में ये एंटीना लगा हुआ था. यह एंटीना अंतरिक्ष की गहराइयों से आने वाले खतरों जैसे एस्टेरॉयड्स, मीटियॉर्स और एलियन दुनिया आदि की जानकारी दुनिया भर के वैज्ञानिकों को देता था. इस ऑब्जरवेटरी का संचालन एना जी मेंडेज यूनिवर्सिटी, नेशनल साइंस फाउंडेशन और यूनिवर्सिटी ऑफ फ्लोरिडा मिलकर करते हैं. इस ऑब्जरवेटरी को बनने में तीन साल लगे. इसका निर्माण कार्य 1960 में शुरू हुआ था. जो 1963 में पूरा हुआ. इस ऑब्जरवेटरी के जो केबल टूटे हैं उन पर 5.44 लाख किलोग्राम वजन था.

इस ऑब्जरवेटरी में एक 1007 फीट तीन इंच व्यास का बड़ा गोलाकार एंटीना है. जो सुदूर अंतरिक्ष में होने वाली गतिविधियों को पकड़ता है. इसका मुख्य काम धरती की तरफ आ रही खगोलीय वस्तुओं के बारे में जानकारी देना है. 1007 फीट व्यास वाले एंटीना में 40 हजार एल्यूमिनियम के पैनल्स लगे हैं जो सिग्नल रिसीव करने में मदद करते हैं. इस एंटीना को आर्सीबो राडार कहते हैं. आर्सीबो ऑब्जरवेटरी को बनाने का आइडिया कॉर्नेल यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर विलियम ई गॉर्डन को आया था.
इस एंटीना के बीचो-बीच एक रिफलेक्टर है जो ब्रिज के जरिए लटका हुआ है. यहां ऐसे दो रिफलेक्टर्स है. पहला 365 फीट की ऊंचाई पर और दूसरा 265 फीट की ऊंचाई पर. सभी रिफलेक्टर्स को तीन ऊंचे और मजबूत कॉन्क्रीट से बने टावर से बांधा गया है. बांधने के लिए 3.25 इंच मोटे स्टील के तारों का उपयोग किया गया है. ऑर्सीबो राडार यानी एंटीना कुल 20 एकड़ क्षेत्रफल में फैला है. इसकी गहराई 167 फीट है. इनमें से कुछ केबल टूट गए. जो केबल टूटे हैं उनपर 2.83 लाख किलोग्राम का वजन था. इसकी वजह से एंटीना के 100 फीट के हिस्से में छेद हो गया है. एल्यूमिनियम से बने एंटीना का बड़ा हिस्सा टूटकर जमीन पर गिर चुका है. आपको बता दें कि इस एंटीना की मदद से दुनिया भर के करीब 250 साइंटिस्ट अंतरिक्ष पर नजर रखते हैं.

वन डे क्रिकेट: ओवल के मैदान पर पहली बार हारी ऑस्ट्रेलिया

न्यूज डेस्क: भारत ने 5 विकेट पर 302 रन का स्कोर बनाया. जवाब में ऑस्ट्रेलिया की पूरी टीम तीन गेंद बाकी रहते 289 रन पर ऑल आउट हो गई. भारत की ओर से शार्दुल ठाकुर ने तीन और टी. नटराजन व जसप्रीत बुमराह ने दो-दो विकेट लिए. वहीं कुलदीप यादव और रविंद्र जडेजा ने एक-एक सफलता हासिल की. हार्दिक पंड्या, रविंद्र जडेजा और विराट कोहली की हाफ सेंचुरी के बाद गेंदबाजों के दमदार प्रदर्शन के दम पर भारत ने कैनबरा में खेले गए सीरीज के तीसरे और आखिरी वनडे में 13 रन से हरा दिया.

सीरीज में पहली बार टॉस जीतकर कप्तान विराट कोहली ने पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया. भारत ने 5 विकेट पर 302 रन का स्कोर बनाया. जवाब में ऑस्ट्रेलिया की पूरी टीम तीन गेंद बाकी रहते 289 रन पर ऑल आउट हो गई. भारत की ओर से शार्दुल ठाकुर ने तीन और टी. नटराजन व जसप्रीत बुमराह ने दो-दो विकेट लिए. वहीं कुलदीप यादव और रविंद्र जडेजा ने एक-एक सफलता हासिल की.

जसप्रीत बुमराह के विकेट से पलटी बाजी

ऑस्ट्रेलिया की ओर से कप्तान आरोन फिंच ने अपनी शानदार फॉर्म जारी रखी और 82 गेंद पर 75 रन की पारी खेली. ऑस्ट्रेलिया ने नियमित अंतराल पर विकेट खोए. इस बीच रनगति का दबाव भी लगातार बढ़ता गया. ऐसे वक्त पर लग रहा था कि भारत आसानी से जीत हासिल कर लेगा. लेकिन ग्लेन मैक्सवेल ने एक बार फिर कंगारू टीम को मुश्किल से निकालने का जिम्मा उठाया. उन्होंने 38 गेंद पर तीन चौकों और चार छक्कों की मदद से 59 रन की पारी खेलकर ऑस्ट्रेलिया को मजबूत स्थिति में पहुंचा दिया था. जसप्रीत बुमराह की सटीक यॉर्कर ने मैक्सवेल की पारी का अंत किया और भारत को मैच में वापसी करवाई.

कैप्टन आरोन फिंच की फिफ्टी

भारत की ओर से मिले 303 रन के बड़े टारगेट का पीछा करते हुए ऑस्ट्रेलिया के कैप्टन आरोन फिंच (75) ने अपने करियर की 29वीं फिफ्टी 61 गेंदों पर पूरी की. उन्होंने रविंद्र जडेजा के पारी के 18वें ओवर की चौथी गेंद पर शानदार सिक्स लगाया और निजी स्कोर 55 रन पहुंचा दिया. उन्हें जडेजा ने ही शिकार बनाया और शिखर धवन के हाथों कैच करा दिया. फिंच ने 82 गेंदो पर 75 रन बनाए जिसमें 7 चौके और 3 छक्के जड़े.

158 तक गिरे ऑस्ट्रेलिया के 5 विकेट

सीरीज में पहली बार लक्ष्य का पीछा करने उतरी मेजबान टीम के 5 विकेट 158 रन तक गिर गए. मार्नस लाबुशेन (7) के तौर पर पेसर टी नटराजन ने अपने इंटरनैशनल करियर का पहला विकेट लिया. इसके बाद स्टीव स्मिथ (7) को शार्दुल ठाकुर ने पविलियन भेजा. हेनरिक्स (22) और फिंच ने तीसरे विकेट के लिए 61 रन जोड़े. हेनरिक्स को भी ठाकुर ने धवन के हाथों कैच कराया. अपना पहला वनडे खेल रहे कैमरन ग्रीन (21) टीम के 5वें विकेट के रूप में आउट हुए.

पंड्या और जडेजा ने दी मजबूती

शानदार फॉर्म में चल रहे हार्दिक पंड्या (92*) ने एक बार फिर ‘संकटमोचक’ की भूमिका निभाते हुए रविंद्र जडेजा (66*) के साथ मिलकर भारत को पांच विकेट पर 302 रन तक पहुंचाया. पंड्या ने 76 गेंद में नाबाद 92 रन बनाए जबकि जडेजा 50 गेंद में 66 रन बनाकर नाबाद रहे. दोनों ने भारतीय पारी को शुरुआती दबाव से निकाला. पंड्या ने अपनी पारी में सात चौके और एक छक्का लगाया जबकि जडेजा ने पांच चौके और तीन छक्के जड़े.

कोहली ने जड़ा अर्धशतक

भारतीय कप्तान विराट कोहली ने भी संघर्षपूर्ण अर्धशतक लगाया. उन्होंने 63 रन का योगदान दिया. विराट ने 78 गेंदों की अपनी पारी में 5 चौके लगाए. हालांकि डेब्यू के बाद यह पहला साल रहा जब विराट ने पूरे साल में वनडे फॉर्मेट में कोई शतक नहीं लगाया. कोहली को जोश हेजलवुड ने एलेक्स कैरी के हाथों कैच आउट कराया. कोहली को 32वें ओवर में डीआरएस पर विकेट के पीछे कैच आउट दिया गया.

पंड्या-जडेजा ने तेजी से बनाए रन

हार्दिक पंड्या और जडेजा 32वें ओवर में साथ आए और छठे विकेट के लिए 150 रन की अटूट साझेदारी की, जिससे खेल की तस्वीर बदल गई. ऑस्ट्रेलियाई टीम शुरूआती दोनों मैच और सीरीज पहले ही अपने नाम कर चुकी है. एक समय ऐसा लग रहा था कि भारतीय टीम 250 रन भी नहीं बना सकेगी लेकिन जडेजा और पंड्या ने भारत को 300 के पार पहुंचाया. दोनों ने 46वें से 48वें ओवर के बीच 53 रन जोड़े, पारी के अंतिम पांच ओवरों में 73 रन बने.

छठे विकेट के लिए बेस्ट पार्टनरशिप

हार्दिक और जडेजा ने नाबाद 150 रन जोड़े जो भारत के लिए वनडे में छठे विकेट के लिए यह तीसरी सर्वश्रेष्ठ साझेदारी है. साल 2015 में अंबाती रायुडू और स्टुअर्ट बिन्नी ने छठे विकेट के लिए जिम्बाब्वे के खिलाफ 160 रन जोड़े थे जबकि महेंद्र सिंह धोनी और युवराज सिंह ने जिम्बाब्वे के ही खिलाफ 2005 में 158 रन की पार्टनरशिप की थी. यह ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वनडे में छठे विकेट के लिए भारत की सर्वश्रेष्ठ साझेदारी है.

खास नहीं कर सका टॉप ऑर्डर

कोहली, पंड्या और जडेजा के अलावा भारत का कोई बल्लेबाज सपाट पिच पर खुलकर नहीं खेल सका. शिखर धवन (16) और केएल राहुल (पांच) जैसे सीनियर बल्लेबाज खराब शॉट खेलकर आउट हुए जबकि श्रेयस अय्यर भी 19 रन ही बना सके. मनुका ओवल की पिच बड़े स्कोर के लिए जानी जाती है लेकिन भारतीय शीर्षक्रम यहां लय हासिल नहीं कर सका.

Goodnews: कोरोना वैक्सीन Pfizer-BioNTech को मिली मंजूरी

न्यूज डेस्क: कोविड-19 का टीका 2020 में ही शुरू हो जायेगा. अगले सप्ताह से टीकाकरण शुरू करने को लेकर अनुमति मिल गयी है. ब्रिटेन में फाइजर और बायोएनटेक की कोरोना वायरस वैक्सीन को मंजूरी मिल गई है. ब्रिटेन कोविड-19 वैक्सीन के टीके को मंजूरी देने वाला पहला पश्चिमी देश बन गया है. यह वैक्सीन संक्रमण को रोकने में 95% से अधिक प्रभावी पाई गई है. ब्रिटेन के विदेश मंत्री डॉमिनिक राब ने एक इंटरव्यू में इसके संकेत दिए थे. ब्रिटेन ने 20 नवंबर को अपने चिकित्सा नियामक, मेडिसिन एंड हेल्थकेयर प्रोडक्ट्स रेगुलेटरी एजेंसी (एमएचआरए) से फाइजर-बायोएनटेक कोरोना वायरस वैक्सीन का आकलन करने को कहा था.
प्रसिद्ध और प्रमुख अमेरिकी दवा कंपनी फाइजर और जर्मन कंपनी बायोएनटेक ने साथ मिलकर इस टीके को विकसित किया है. कंपनी ने हाल में दावा किया था कि परीक्षण के दौरान उसका टीका सभी उम्र, नस्ल के लोगों पर कारगर रहा.

ब्रिटेन सरकार ने अपनी दवा और स्वास्थ्य उत्पाद नियामक एजेंसी (एमएचआरए) को कंपनी द्वारा मुहैया कराए गए आंकड़ों पर गौर कर यह देखने को कहा था कि क्या यह गुणवत्ता, सुरक्षा और असर के मामले में सभी मानकों पर खरा उतरता है. ब्रिटेन को 2021 के अंत तक दवा की चार करोड़ खुराक मिलने की संभावना है. इतनी खुराक से देश की एक तिहाई आबादी का टीकाकरण हो सकता है.

वहीं, ब्रिटेन में नियुक्त किये गए वैक्सीन मंत्री नादिम जहावी के हवाले से एक मीडिया रिपोर्ट में पहले ही कहा गया था कि अगर सबकुछ योजना के अनुसार होता है और फाइजर और बायोएनटेक द्वारा विकसित वैक्सीन को मंजूरी मिल जाती है तो उसके कुछ ही घंटों में वैक्सीन का वितरण और टीकाकरण शुरू कर दिया जाएगा. जरूरी तैयारियां को अंतिम रूप दिया जा रहा है.

दूसरी ओर फाइजर और बायोएनटेक ने यूरोपियन मेडिसिंस एजेंसी के समक्ष भी कोरोना वायरस के उनके टीके को मंजूरी के लिए एक आवेदन सौंपा है. दोनों कंपनियों ने मंगलवार को कहा कि सोमवार को सौंपे गए आवेदन की समीक्षा प्रक्रिया को पूरा किया गया.

उन्होंने इसे एजेंसी के समक्ष छह अक्तूबर को शुरू किया था. अमेरिका की दवा कंपनी मॉडर्ना ने अमेरिकी और यूरोपीय नियामकों से कोविड-19 के अपने टीके का आपातकालीन उपयोग करने की अनुमति देने का अनुरोध किया है. प्रतिद्वद्वी कंपनी मॉडर्ना के इस अनुरोध के एक दिन बाद इन कंपनियों ने यह कदम उठाया है. बायोएनटेक ने कहा है कि टीके को वर्तमान में बीएनटी162बी2 नाम दिया गया है और यदि यह मंजूर हो जाता है तो यूरोप में इसका इस्तेमाल 2020 के अंत से पहले शुरू हो सकता है.