हिन्दू राष्ट्र

अफवाह नहीं हकीकत

ईडी ने जब्त की विजय माल्या की 14 करोड़ की प्रॉपर्टी

न्यूज डेस्क: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शुक्रवार को बताया कि धन शोधन रोधी कानून के तहत फ्रांस में व्यवसायी विजय माल्या की 14 करोड़ रुपए मूल्य की संपत्ति को जब्त किया गया है. ईडी ने कहा कि फ्रांसीसी अधिकारियों द्वारा प्रवर्तन निदेशालय के अनुरोध पर कार्रवाई की गई और संपत्ति फ्रांस में 32 एवेन्यू एफओसीएच में स्थित है. केन्द्रीय जांच एजेंसी ने एक बयान में बताया कि जब्त की गई संपत्ति का मूल्य लगभग 14 करोड़ रुपए है.

इसमें कहा गया है कि धन शोधन निवारण अधिनियम के तहत जांच में खुलासा हुआ था कि संपत्ति के निर्माण के लिए किंगफिशर एयरलाइंस लिमिटेड (केएएल) के एक खाते से एक बड़ी राशि विदेश भेजी गई थी. माल्या फिलहाल लंदन में हैं और भारत लगातार उनके प्रत्यर्पण की कोशिश कर रहा है.

धन शोधन और धोखाधड़ी के मामलों का सामना करने के लिए भारत प्रत्यर्पित किए जाने के खिलाफ ब्रिटेन के उच्चतम न्यायालय में माल्या मई में अपनी अपील हार गए थे. ब्रिटेन के उच्चतम न्यायालय में माल्या की अपील खारिज होने के बाद भारत उसके प्रत्यर्पण पर जोर दे रहा है. भारत प्रत्यर्पित किए जाने के खिलाफ ब्रिटेन की शीर्ष अदालत में अपील खारिज होने के पहले अप्रैल में उच्च न्यायालय में भी उनकी अपील खारिज हो गई थी.

भारत ने इसी साल जून में ब्रिटेन से अनुरोध किया था कि वह माल्या के शरण के आग्रह पर विचार नहीं करे. माल्या मार्च 2016 से ही ब्रिटेन में हैं और 18 अप्रैल 2017 को स्कॉटलैंड यार्ड (लंदन पुलिस) द्वारा प्रत्यर्पण वारंट की तामील किए जाने के बाद से वह जमानत पर हैं. माल्या 9 हजार करोड़ रुपए के लोन घोटाले में आरोपी हैं. एसबीआई सहित 17 बैंकों से यह लोन लिया गया था. भारतीय एजेंसियों का शिकंजा कसने के बाद माल्या ने कई बार बैंकों का पैसा लौटाने की भी पेशकश की है.

विजय माल्या केस टाइमलाइन :

* 2 मार्च, 2016 को विजय माल्या लंदन पहुंचा.
* 21 फरवरी 2017 को होम सेक्रेटरी ने माल्या के प्रत्यर्पण के लिए अर्जी दी.
* 18 अप्रैल, 2017 को विजय माल्या को लंदन में गिरफ्तार किया गया है. उसे उसी दिन बेल भी दे दी गई.
* 24 अप्रैल 2017 को उसका भारतीय पासपोर्ट निरस्त कर दिया गया.
* 2 मई 2017 को उसने राज्यसभा की सदस्यता से इस्तीफा दिया.
* 13 जून 2017 वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट कोर्ट में केस मैनेजमेंट और प्रत्यर्पण की सुनवाई शुरू हुई.
* 10 दिसंबर 2018 को मुख्य मजिस्ट्रेट एम्मा अर्बुथनोट प्रत्यर्पण की मंजूरी देती हैं और गृह सचिव को फाइल भेजती हैं.
* 3 फरवरी 2019 को गृह सचिव ने भारत को प्रत्यर्पण का आदेश दिया.
* 5 अप्रैल 2019 को इंग्लैंड और वेल्स के उच्च न्यायालय के न्यायाधीश डेविड ने अपील करने के लिए कागजात पर अनुमति देने से इनकार कर दिया.
* 2 जुलाई, 2019- एक मौखिक सुनवाई में, जस्टिस लेगट और जस्टिस पॉपप्वेल ने इस आधार पर अपील करने की अनुमति दी कि आर्बुथनॉट ने यह निष्कर्ष निकालने में गलती की थी कि भारत ने माल्या के खिलाफ एक प्रथम दृष्टया मामला कायम किया था.
* 11-13 मई, 2020 को जस्टिस इरविन और जस्टिस लैंग ने अपील सुनी.
* 20 अप्रैल, 2020 को अपील खारिज, अंतिम निर्णय के लिए गृह सचिव के पास गया मामला.

तारक मेहता का उल्टा चश्मा के लेखक ने की आत्‍महत्‍या, यह है वजह

न्यूज डेस्क: टीवी सीरियल ‘तारक मेहता का उल्‍टा चश्‍मा’ के लेखकों में से एक अभिषेक मकवाना ने आत्‍महत्‍या की है, ज‍िनका एक सुसाइड नोट सामने आया है. अभिषेक लंबे समय से इस सीरियल के ल‍िए ल‍िख रहे थे. पुल‍िस द्वारा सामने आ रही जानकारी के अनुसार अभिषेक ने आत्‍महत्‍या से पहले एक सुसाइड नोट भी ल‍िख छोड़ा है और इसमें ‘आर्थिक परेशानियों’ का ज‍िक्र क‍िया है.

अभिषेक ने प‍िछले हफ्ते आत्‍महत्‍या की और उनके पर‍िवार का आरोप है क‍ि वह सायबर धोखाधड़ी का श‍िकार हुआ था और उसे ब्‍लैकमेल किया जा रहा था. मुंबई म‍िरर की खबर के अनुसार अभिषेक के परिवार वालों और दोस्‍तों का आरोप है कि उसकी मौत के बाद से ही उन्‍हें धोखा करने वालों की तरफ से लगातार फोन आ रहे हैं क‍ि वह उनका पैसा लौटा दें क्‍योंकि अभिषेक ने उन्‍हें लोन में गैरंटर बनाया था.

अभिषेक मकवाना, 27 नवंबर को अपने कांदिवली वाले घर में मृत पाए गए थे, ज‍िसके बाद चारकोप पुलिस ने इस मामले में एक्सिडेंटल डेथ का केस दर्ज किया था. इस मामले में परिवार का बयान दर्ज किया गया है. र‍िपोर्ट के अनुसार अभिषेक के भाई जेनिस ने खुलासा क‍िया है कि अभिषेक के ईमेल्‍स से फाइनेंश‍ियल फ्रॉड की बात सामने आई है. इसके अलावा पुल‍िस के अनुसार अभिषेक के सुसाइड नोट में भी आर्थ‍िक धोखाधड़ी की बात सामने आई है, जो व‍ह प‍िछले बहुत महीनों से झेल रहा था लेकिन उसने इसके बारे में ज्‍यादा कुछ नहीं लिखा है.

यूपी में पेड़ से लटकता मिला किसान

न्यूज डेस्क: उत्तर प्रदेश के बांदा जिले के गिरवां थाना क्षेत्र के बरई मानपुर (शेरपुर) गांव में एक किसान का शव पेड़ से लटकता हुआ पाया गया. गिरवां थाना के प्रभारी निरीक्षक (एसएचओ) बलजीत सिंह ने शुक्रवार को बताया कि “बृहस्पतिवार को बरई मानपुर (शेरपुर) गांव में किसान चुनबद्दी (55) का शव उसके खेत में लगे बबूल के पेड़ से लटका हुआ पाया गया.

उन्होंने बताया कि उसने खेत में लगे पेड़ से लटककर कथित रूप से आत्महत्या कर ली. किसान आवारा मवेशियों से फसल की रखवाली के लिए खेत में ही रात गुजारा करता था. किसान आवारा मवेशियों से फसल की रखवाली के लिए खेत में ही रात गुजारा करता था. पोस्टमॉर्टम कराने के बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया है और घटना की सूचना राजस्व अधिकारियों को दे दी गयी है.

किसान की पत्नी गंगिया देवी के हवाले से एसएचओ ने बताया कि उसके पति पर ढाई लाख रुपये सरकारी बैंक का कर्ज था, जिसे वापस करने का दबाव था. संभवतः कर्ज वापसी के दबाव में उसने आत्महत्या की होगी. मामले की जांच की जा रही है.

मुस्लिम युवक-युवती ऐसे करते थे सोना तस्करी, पुलिस भी हैरान

न्यूज डेस्क: आरपीएफ और डीआरआई ने संयुक्त रूप से बड़ी कार्रवाई की है. नॉर्थ ईस्ट एक्सप्रेस के A1 बोगी से डेढ़ किलो सोने के साथ एक महिला और एक पुरुष को गिरफ्तार किया है. दोनों मुंबई के रहने वाले हैं और तस्करी के सोने को म्यांमार के रास्ते असम से लाया जा रहा था. दोनों मुस्लिम समुदाय के हैं.

डीआरआई की सूचना पर आरपीएफ ने जब महिला की तलाशी ली तो महिला की कमर के बेल्ट से डेढ़ किलो सोना बरामद किया गया है. फिलहाल दोनों से पूछताछ की जा रही है. अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने की कीमत एक करोड़ से ज्यादा बताई जा रही है. फिलहाल दोनों तस्कर से अंतरराष्ट्रीय लिंक के बारे में पूछताछ की जा रही है.

आरपीएफ की टीम ने शमद नामक युवक और अफरोज आमिर उल्लाह नाम की महिला को गिरफ्तार किया है. पुलिस के अनुसार महिला के पास से 2 और युवक के पास से 1 सोने का बिस्किट मिला है. पूछताछ में यह बात सामने आई है कि दोनों मुंबई में रहते हैं. पूछताछ में यह बात सामने आई है कि शायद इसके पीछे एक बड़ा गिरोह काम कर रहा है. इनसे पूछताछ के आधार पर पुलिस गिरोह के और लोगों तक पहुंचने की कोशिश कर रही है. सोने की तस्करी में एक बड़ा सिंडिकेट काम कर रहा है.

लव जिहाद: हिंदू लड़की पर धर्म परिवर्तन का दबाव बनानेवाला ओवैस गिरफ्तार

न्यूज डेस्क: विवाह के लिए हिंदू लड़की पर धर्म परिवर्तन का दबाव बनाने के आरोपी युवक को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. हाल में उत्तर प्रदेश में पारित कानून के तहत यह पहली गिरफ्तारी है. यह घटना बरेली की है. बरेली के पुलिस उपमहानिरीक्षक राजेश कुमार पांडेय ने इस संबंध में जानकारी देते हुए युवक की गिरफ्तारी की सूचना दी. पुलिस उपमहानिरीक्षक ने बताया कि बरेली जिले की बहेड़ी पुलिस ने रिछा रेलवे फाटक के पास से ओवैस नामक युवक को बुधवार को गिरफ्तार कर लिया.

विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अध्यादेश, 2020’ के तहत युवक के खिलाफ मामला दर्ज किया है. पांडे ने बताया,‘गिरफ्तारी के बाद ओवैस को पुलिस ने बहेड़ी सत्र अदालत में पेश किया, जहां से उसे 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया.’

बरेली के प्रभारी वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक संसार सिंह ने गुरुवार को बताया,‘जिले के थाना देवरनिया के गांव शरीफ नगर में रहने वाली एक युवती का आरोप था कि ओवैस उसे तीन साल से परेशान कर रहा था और विवाह के लिए धर्म परिवर्तन का दबाव बनाता था.’

सिंह ने बताया कि युवती के परिजन ने जून 2020 में उसकी शादी किसी दूसरी जगह कर दी, इससे बौखलाया ओवैस अक्सर उसके पिता टीकाराम के घर पहुंच कर धमकी देता था. पिछले शनिवार को भी उसने टीकाराम को तमंचा दिखाकर जान से मारने की धमकी दी थी जिसके बाद उन्होंने ओवैस के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया.

स्‍टैचू ऑफ यूनिटी की टिकट बिक्री से मिले 5 करोड़ कहां गये जानिये

न्यूज डेस्क: सरदार पटेल की प्रतिमा स्‍टैचू ऑफ यूनिटी की टिकट बिक्री से जमा पैसों के गबन मामले में गुजरात पुलिस ने एक एफआईआर दर्ज की है. पैसे जमा करने वाली एजेंसी के कुछ कर्मचारियों पर आरोप है कि उन्‍होंने नवंबर 2018 से मार्च 2020 के बीच 5.24 करोड़ रुपये बैंक में जमा नहीं किए.

पुलिस उपाधीक्षक वाणी दूधत ने संवाददाताओं को बताया कि बैंक में स्टैचू ऑफ यूनिटी प्रबंधन के दो खाते हैं. बैंक ने नर्मदा जिले के केवडिया स्थित दुनिया की सबसे ऊंची मूर्ति के प्रबंधन से रोजाना नकद लेकर उसे अगले दिन बैंक में जमा कराने के लिए एक एजेंसी की सेवाएं ली थी. उन्होंने बताया, ‘पहली नजर में पता चला है कि एजेंसी के कुछ कर्मचारियों ने नवंबर 2018 से मार्च 2020 के बीच स्टैचू ऑफ यूनिटी प्रबंधन की 5,24,77,375 रुपये की राशि बैंक में जमा नहीं कराई.’

इसके बाद निजी बैंक के प्रबंधक ने सोमवार रात को केवडिया पुलिस थाने में नकदी जमा करने वाली एजेंसी के साथ-साथ अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है. पुलिस ने मामले में आईपीसी की धारा-420 (धोखाधड़ी), धारा-406 (विश्वास भंग) और धारा-120बी (आपराधिक साजिश) के तहत एफआईआर दर्ज की है. हालांकि, अबतक किसी की गिरफ्तारी नहीं की गई है.

इस बीच, स्टैचू ऑफ यूनिटी प्रबंधन ने बुधवार को कहा कि बैंक ने उसके खाते में 5.24 करोड़ रुपये जमा करा दिए हैं. प्रबंधन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बयान में कहा, ‘यह बैंक और नकद एकत्र करने वाली एजेंसी के बीच का मामला है. बैंक ने पहले ही हमारी राशि खाते में जमा करा दी है.’

देश के पहले गृह मंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल की यह प्रतिमा दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा है और इसे स्टैचू ऑफ यूनिटी के नाम से जाना जाता है. अक्टूबर 2018 में उद्घाटन के बाद से ही यह पर्यटकों के आकर्षण का प्रमुख केंद्र है. इस स्मारक के साथ बना चिल्ड्रेन न्यूट्रिशन पार्क और कैक्टस गार्डन अन्य आकर्षणों में एक है. इसके साथ ही नर्मना नदी में रिवर राफ्टिंग की सुविधा भी उपलब्ध है.

लॉकडाउन से पहले लोगों के पास ऑनलाइन के साथ-साथ टिकट खिड़की पर नकद देकर टिकट खरीदने का भी विकल्प मौजूद था. पिछले साल दिसंबर में गुजरात के मुख्यमंत्री नितिन पटेल ने विधानसभा को बताया कि स्टैचू ऑफ यूनिटी प्रबंधन ने एक नवंबर 2018 से 16 नवंबर 2019 के बीच 85.51 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त किया. हालांकि, नवंबर 2019 से मार्च 2020 के राजस्व संबंधी आंकड़े जारी नहीं किए गए हैं. इस मामले में दर्ज एफआईआर के मुताबिक, बैंक वर्ष 2003 से नकद को एकत्र कर जमा कराने के लिए एजेंसी की सेवाएं ले रहा था.

बैंक ने उसी एजेंसी को स्टैचू ऑफ यूनिटी प्रबंधन से, टिकटों की बिक्री से मिलने वाले नकद को लेकर उनके दो खातों में जमा कराने की जिम्मेदारी दी थी. उन्होंने बताया, ‘हाल में स्टैचू ऑफ यूनिटी के अधिकारियों ने लेखापरीक्षण किया और जमा पर्ची में दर्शाई राशि और खाते में जमा राशि में अतंर पाया जिसके बाद इस गबन का खुलासा हुआ.’

पुलिस लॉकअप में लगायें ऑडियो वाले सीसीटीवी कैमरे: सुप्रीम कोर्ट

न्यूज डेस्क: सुप्रीम कोर्ट ने देश भर के पुलिस थानों में सीसीटीवी कैमरे लगाने से संबंधित एक मामले में आदेश जारी किया है. सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई( CBI), एनआईए (NIA), प्रवर्तन निदेशालय ( ED), नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB), डायरेक्ट्रेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलीजेंस (DRI) और सीरियस फ्रॉड इनवेस्टीगेशन ऑफिस (SFIO) के कार्यालयों में ऑडियो रिकॉर्डिंग के साथ सीसीटीवी कैमरे लगाने के निर्देश दिए हैं. इसके साथ ही सभी राज्यों के पुलिस स्टेशनों में भी सीसीटीवी कैमरे, जिनमें ऑडियो रिकॉर्डिंग भी है लगाने का निर्देश दिया है.

मंगलवार को कोर्ट ने कहा ये सीसीटीवी कैमरे पुलिस स्टेशन के एंट्री और एग्जिट प्वाइंट्स, लॉक अप, कॉरिडोर, लॉबी, रिसेप्शन एरिया, सब इंस्पेक्टर और इंस्पेक्टर के कमरे, थाने के बाहर, वॉशरूम के बाहर लगाए जाने चाहिए. कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया कि इन कैमरों की 18 महीनों की रिकॉर्डिंग को रखना अनिवार्य होगा. राज्यों को छह सप्ताह के भीतर आदेश का पालन करने के लिए कहा गया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ये निर्देश अनुच्छेद 21 के तहत मौलिक अधिकारों में हैं.

जस्टिस रोहिंटन एफ. नरीमन, जस्टिस केएम जोसेफ और जस्टिस अनिरुद्ध बोस की एक बेंच ने 45 दिनों से अधिक के सीसीटीवी फुटेज को सुरक्षित रखने और एकत्रित करने के सवाल पर शुक्रवार तक वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ दवे, एमिकस क्यूरी को एक व्यापक नोट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया था. 2018 में सुप्रीम कोर्ट ने बढ़ती हिरासत यातना के मामले से निपटनने के लिए देश के हर पुलिस स्टेशन में सीसीटीवी लगाने का निर्देश दिया था.

इस मामले में 16 सितंबर, 2020 को सुप्रीम कोर्ट ने पुलिस स्टेशन में सीसीटीवी कैमरों की हालत पर जानकारी मांगी थी. कोर्ट ने सभी राज्यों के मुख्य सचिवों से 24 नवंबर तक इस पर जवाब देने के लिए कहा था.

कोर्ट के आदेश का पालन ढाई साले के बाद भी न होने पाने के बाद कोर्ट ने इसे महज 6 सप्ताह के भीतर पूरा करने के लिए कहा है. कोर्ट यह भी कहा कि प्रत्येक पुलिस स्टेशन का एसएचओ सीसीटीवी के काम, रिकॉर्डिंग और रखरखाव के लिए जिम्मेदार होगा.

गैंग्स ऑफ वासेपुर के एक्टर जीशान कादरी पर 1.5 करोड़ की हेराफेरी का आरोप

न्यूज डेस्क: बॉलीवुड और अपराध से जुड़ी खबरें आजकल चर्चा में हैं. अनुराग कश्यप की मशहूर फिल्म ‘गैंग्स ऑफ वासेपुर’ के राइटर और फिल्म में डेफिनेट का कैरक्टर निभाने वाले अभिनेता जीशान कादरी के खिलाफ मुंबई पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है. जीशान कादरी पर एक प्रड्यूसर ने धोखाधड़ी और हेराफेरी करने का आरोप लगाया है. इस प्रड्यूसर का नाम जतिन सेठी बताया जा रहा है.

प्रड्यूसर ने जीशान पर आरोप लगाया है कि उन्होंने और उनके एक दोस्त ने 1.5 करोड़ रुपये दिए थे. इस रकम से जीशान कथित तौर पर एक ओटीटी प्लैटफॉर्म के लिए वेब सीरीज बनाने वाले थे. हालांकि जीशान ने वह वेब सीरीज नहीं बनाई और पैसा भी वापस नहीं किया.

बता दें कि ‘गैंग्स ऑफ वासेपुर’ के अलावा जीशान ने ‘मेरठिया गैंगस्टर’, ‘हलाहल’ और ‘छलांग’ जैसी फिल्में भी लिखी हैं. इसके अलावा उन्होंने ‘रिवॉल्वर रानी’, ‘होटल मिलन’ जैसी फिल्मों में काम भी किया है. हाल में जीशान दिव्येंदु शर्मा की मुख्य भूमिका वाली वेब सीरीज ‘बिच्छू का खेल’ में एक पुलिस इंस्पेक्टर की भूमिका में दिखाई दिए थे.